Parvat yoga in Astrology in Hindi: जन्म पत्रिका में कई तरह के शुभ योग बनते है| यह शुभ योग में पर्वत योग(Parvat yoga in Hindi) का भी विशेष महत्व है| इस लेख के माध्यम से हम आपसे इस योग के संदर्भ में विशेष जानकारी उपलब्ध कराएँगे| हमें आशा है की आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा|
Parvat yoga कैसे बनता है?
जन्म पत्रिका में पर्वत योग दो तरीको से बनता है|
पहला तरीका है जब सभी शुभ ग्रह केंद्र में स्थित हो और कोई भी ग्रह नहीं या सिर्फ शुभ ग्रह ही सप्तम और अष्टम भावमें विराजमान हो तब पर्वत योग का निर्माण होता है|
दूसरा तरीका है लग्न भाव का स्वामी और व्यय भाव का स्वामी एक दुसरे से केंद्र में स्थित हो और और मित्र ग्रह से दृष्ट हो तब भी पर्वत योग का निर्माण होता है|
पर्वत योग का फल (Result of parvata yoga in Hindi)
इस योग में जन्म लेने वाले जातक भाग्यवान, होने के साथ विद्वान्, धनवान, स्वतंत्र, दयालु, विनोदी, और गाव एवम शहर का प्रमुख होता है| यह जातक में बल-साहस, धूर्तता एवम राजनितिक लाभ को प्रदर्शित करता है|
Example of parvata yoga in Astrology
कई महापुरुष और बड़े बड़े राजनेता की जन्म पत्रिका में इस तरह के शुभ योग देखने को मिलते है|
हमें आशा है की आपको हमारी और से दिउ गयी यह जानकारी पसंद आयी होगी| अगर आप इस विषय में और भी कोई प्रश्न पूछना चाहते है तो हमें निचे कमेंट करके अवश्य पूछ सकते है| धन्यवाद|