नवमांश कुंडली (Navamsa Chart)
जन्म पत्रिका के एनालिसिस और फलादेश करते समय जन्म पत्रिका की विभिन्न वर्ग पत्रिका जैसे नवांश पत्रिका (D9 chart), द्वादशांश चार्ट, षष्टिअमसा चार्ट इत्यादि को ध्यान में लेना आवश्यक है|
जन्म पत्रिका में लग्न chart के आलावा सबसे अधिक महत्व पूर्ण chart कोई है तो वह नवांश(Navamsa Chart) है| शास्त्रों में नवमांश पत्रिका का महत्व दर्शाते हुए कहा है की अगर जन्म पत्रिका मे लग्न chart से शरीर है तो नवमांश कुंडली (Navamsa Chart) आत्मा है|हम सब ये जानते ही है की आत्मा के बिना शरीर की कुछ भी कीमत नहीं है|
इसके किये शास्त्रों में कुछ श्लोक भी दिए गए है,

उपरोक्त मंत्र महाराज श्री पद्मप्रभु सूरि के द्वारा लिखा गया ज्योतिषीय ग्रन्थ भुवनदीप में मिलता है| इस मंत्र का भावार्थ यह है की अगर चन्द्र बिज है तो लग्न पुष्प है, नवांश(D9 chart) उनसे निकला फल है और स्वाद भाव के सामान होता है| जन्म पत्रिका के फल कथन के लिए नवांश का [रयोग आवश्यक है उसके बिना फल कथन अनुचीत है और अधुरा भी|
नवांश की गणना कैसे होती है| (How to calculate Navamsa Chart manually )
Navamsa Chart को manually बनाने के लिए पहले उसके अर्थ को समजना पड़ता है| नवमांश का अर्थ होता है नवम अंश| मतलब की किसी भी चीज-वस्तु, संख्या को नौ के द्वारा भागने पर मिलता एक छोटा टुकड़ा/ अंश जिसे नवांश कहते है| नवांश पत्रिका में जन्म पत्रिका की एक राशी को नौ छोटे टुकड़े में बाँट कर एक नयी पत्रिका बनायीं जाती है|
जन्म पत्रिका में एक राशी 30° की होती है| इसे नौ (9) के द्वारा विभाजित करने पर 3 अंश 20 कला (3° 20′ ) का एक भाग मिलता है|

उपरोक्त दर्शाए गए इमेज से हम आसानी से ये समज सकते है की नवमांश chart की गणना कैसे होती है|
यहाँ पर हम आप को एक उदहारण दे रहे है, अगर कोई ग्रह यदि जन्म पत्रिका में लग्न chart में वृश्चिक राशी में 17° 18′ पर है| अगर हमें यह ग्रह नवमांश पत्रिका में कहा होगा ये समजना है तो सबसे पहले इमेज में कर्क,वृश्चिक, मीन वाली लाइन को पकडेगे| बाद में डिग्री वाली रो में 17° 18′ किन दो पार्ट के मध्य आती है यह देखेंगे| हमारे केस में यह 16-40 से 20-00 के मध्य आ रहा है इसलिए यह ग्रह नवमांश chart में धनु राशी में होगा|
अच्छे से समजने के लिए image का सहारा ले और फिर भी कोई समस्या है तो आप हमसे पूछ सकते है|
नवमांश पत्रिका और नक्षत्र | Navamsa and Nakshtra
एक नक्षत्र 13°-20′ का होता है| एक नक्षत्र में चार चरण होते है और प्रत्येक चरण 3°-20′ का होता है| जो की नवांश के एक पद के ही सामान है| जब यह एक सामान्य समजुती है नवांश के पद और नक्षत्र के बिच के सम्बन्ध को समजने के लिए हम अलग से एक आर्टिकल आपके लिए लायेगे जिसे आपको विस्तृत में जान कारी मिल सके|
पञ्चमहा पुरुष योग के बारे में पढ़े
आज के इस लेख के माध्यम से हमने नवांश chart की मैन्युअली गणना कैसे होती है वो समजाया| अगर आपको इसमे कोई भी प्रश्न है तो आप हमें चैट बटन पर क्लिक कर पूछ सकते है| हमें आपको उत्तर देने में आनंद आएगा| आगे के लेख में हम आपसे नवमांश chart के क्या लाभ होते है और क्या देखा जाता है वह देखेंगे|