सुनफा योग(Sunapha yoga in Hindi)
जन्म पत्रिका में चन्द्र के द्वारा कई तरह के शुभ योग और अशुभ योग बनाते है| चन्द्र के द्वारा बनते शुभ योग में अनफा योग(Anapha Yoga) और सुनफा योग(Sunapha yoga ) का जन्म पत्रिका के एनालिसिस करते समय काफी महत्व है|
जन्म पत्रिका में अच्छी तरह से सुनफा योग(Sunapha Yoga) या अनफा योग बनता है तो जातक जीवन में काफी समृद्धि की अर्जित कर सकता है| आज के इस लेख में हम आपको सुनफा योग(Sunapha Yoga) के बारे में काफी महत्व पूर्ण इनफार्मेशन देंगे जो की आपके लिए जानना काफी आवश्यक है|
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सुनफा योग(Sunapha Yoga) कैसे बनता है|
सुनफा योग जन्म पत्रिका में जब चन्द्र से दुसरे भाव में जब सूर्य, राहू और केतु के आलावा कोई भी ग्रह गुरु शुक्र, मंगल, बुध, या शनि जब बेठा हो तब सुनफा योग का निर्माण होता है|
चन्द्र से दुसरे भाव में अलग अलग ग्रह का अलग अलग फल मिलता है और उसमे भी भाव का भी इफ़ेक्ट होता है|
Sunapha Yoga के लिए जन्म पत्रिका में चन्द्र की स्थिति मजबूत होनी आवश्यक है|
Result सुनफा योग (Sunapha yoga in Hindi)
सामान्य रूप से दुसरे भाव को जातक के धनार्जन और रेसौर्स के लिए देखा जाता है| ऐसे में जातक की जन्म पत्रिका में चन्द्र से दुसरे भाव में कोई ग्रह स्थित होना उसकी मानसिक स्थिति के लिए विशेष रिसोर्सेज बनाएगा| जातक अपने स्व पराक्रम से धन मान और उन्नति को प्राप्त करता है| ऐसे जातक अपना जीवन सुखी रूप से बिताते है, और वह अपने कार्य में निपुण होते है| ऐसा जातक कभी कभी समाज में काफी प्रतिष्ठा को अर्जित करता है| धन की कमी नहीं होगी|
सुनफा योग(Sunapha Yoga) के अलग अलग ग्रह के प्रभाव
चन्द्र से बारावे भाव में स्थित अलग अलग ग्रह के विभिन्न प्रभाव दिखने को मिलते है| साथ ही उसमे भाव और राशी का भी असर दिखने को मिलता है|
मंगल चन्द्र से दुसरे भाव में
मंगल चन्द्र से दुसरे भाव में स्थित होने पर सुनफा योग(Sunapha Yoga) जन्म पत्रिका में बनता है तब जातक बलिष्ठ होता है| जातक पराक्रमी होने के साथ चतुर और शत्रु को मात देने वाला होता है| स्वाभाव से कठोर और विरोध करने के लिए वह हमेशा ही तत्पर होता है|
बुध ग्रह चन्द्र से दुसरे भाव में
बुध ग्रह अगर चन्द्र से दुसरे भाव में स्थित हो तब जातक धार्मिक एवम सामाजिक परंपरा को काफी उत्तम रीती से मानने वाला होता है| बुध यह पर स्थित होने की वजह से जातक को काव्य में रूचि एवम चित्र कला में भी रूचि हो सकती है| दुसरे भाव को वाणी का कहा गया है जब बुध यहाँ स्थित हो तब जातक की वाणी मधुर आयर तर्क पूर्ण हो सकती है| व्यक्ति वेदपाठी और विद्या प्रेमी हो सकता है|
गुरु ग्रह अगर चन्द्र से दुसरे भाव में
गुरु जब जन्म पत्रिका में चन्द्र से दुसरे भाव में स्थित होता है तो जातक को ज्ञान और धन की अच्छी प्राप्ति होती है| जातक का जन्म अच्छे परिवार में हुआ होता है और बचपन से ही अपने परिवार से उच्च संस्कार को प्राप्त किये होते है| ऐसा जातक राजा के प्रिय एवम राज्य से सन्मानित होता है|
शुक्र ग्रह अगर चन्द्र से दुसरे भाव में
शुक्र जब जन्म पत्रिका में चन्द्र से दुसरे भाव में स्थित होता है तो Sunapha Yoga का फल काफी अच्छा मिलता है| शुक्र यहाँ स्थित होने की वजह से जातक को सुन्दर और धनवान पत्नी प्राप्त हो सकती है| जातक धनी और वहां से युक्त होता है | कला संगीत में भी रूचि रखता है|
शनि ग्रह अगर चन्द्र से दुसरे भाव में
शनि जब जन्म पत्रिका में चन्द्र से दुसरे भाव में स्थित हो तब जातक भाग्यवान होता है| ऐसे जातक बुद्धिवान होने के साथ पर सेवा में भी काफी इच्छा रखते है| शनि पॉलिटिक्स में भी काफी सफलता को प्रदान करता है| जातक नगर या शहर प्रमुख बन सकता है|
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सुनफा या अनफा योग में सिर्फ इन्ही पांच ग्रहों को गिना जाता है क्योंकि अपने मार्ग बदलते रहते है कभी वह वक्री तो तभी मार्गी होते है| जब की अन्य ग्रह अपने मार्ग को बदलते नहीं है इसी लिए चन्द्र से बनने वाले योग सुनफा, अनफा और दुर्धरा योग में सिर्फ इन्ही पांच ग्र्रहो को लिया जाता है|
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Nice bro thanks