Pradosh Vrat 2021: हिन्दू धर्म में शिव भक्तों के लिए प्रदोष व्रत(Pradosh Vrat) का काफी महत्व है| यहाँ हमने प्रदोष की तारीख, कथा और कैसे पूजा करनी चाहिए उस पर जानकारी दी है|
Pradosh Vrat 2021 Dates | प्रदोष व्रत कब है?
Pradosh Vrat Date and Pradosh Time | दिन | प्रदोष व्रत का नाम |
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January 10, 2021, 05:42 PM to 08:25 PM | रविवार | रवि प्रदोष |
January 26, 2021, 05:56 PM to 08:35 PM | मंगलवार | भौम प्रदोष |
February 9, 2021, 06:07 PM to 08:42 PM | मंगलवार | भौम प्रदोष |
February 24, 2021, 06:18 PM to 08:48 PM | बुधवार | बुध प्रदोष |
March 10, 2021, 06:27 PM to 08:52 PM | बुधवार | बुध प्रदोष व्रत |
March 26, 2021, 06:36 PM to 08:56 PM | शुक्रवार | शुक्र प्रदोष व्रत |
April 9, 2021, 06:43 PM to 08:59 PM | शुक्रवार | शुक्र प्रदोष व्रत |
April 24, 2021, 07:17 PM to 09:03 PM | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
May 8, 2021, 07:01 PM to 09:07 PM | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
May 24, 2021, 07:10 PM to 09:13 PM | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत |
June 7, 2021, 07:17 PM to 09:18 PM | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत |
June 22, 2021, 07:22 PM to 09:23 PM | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
July 7, 2021, 07:23 PM to 09:24 PM | बुधवार | बुध प्रदोष व्रत |
July 21, 2021, 07:18 PM to 09:22 PM | बुधवार | बुध प्रदोष व्रत |
August 5, 2021, 07:09 PM to 09:16 PM | गुरूवार | गुरु प्रदोष व्रत |
August 20, 2021, 06:56 PM to 08:50 PM | शुक्रवार | शुक्र प्रदोष व्रत |
September 4, 2021, 06:39 PM to 08:56 PM | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
September 18, 2021, 06:23 PM to 08:44 PM | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
October 4, 2021, 06:04 PM to 08:30 PM | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत |
October 17, 2021, 05:49 PM to 08:20 PM | रविवार | रवि प्रदोष व्रत |
November 2, 2021, 05:35 PM to 08:11 PM | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
November 16, 2021, 05:27 PM to 08:07 PM | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
December 2, 2021, 05:24 PM to 08:07 PM | गुरूवार | गुरु प्रदोष व्रत |
December 16, 2021, 05:27 PM to 08:11 PM | गुरूवार | गुरु प्रदोष व्रत |
December 31, 2021, 05:35 PM to 08:19 PM | शुक्र वार | शुक्र प्रदोष व्रत |
प्रदोष व्रत क्या है? – प्रदोष व्रत की जानकारी
प्रदोष एक महत्वपूर्ण व्रत है जो की भगवान शिव को समर्पित है| यह माह की त्रयोदशी के दिन पड़ता है| माह की दोनों त्रयोदशी शुक्ल पक्ष और कृष्णपक्ष की त्रयोदशी के दिन को प्रदोष व्रत कहा जाता है| भगवान् शिव की पूजा के लिए प्रदोष का दिन और प्रदोष समय काफी अच्छा माना जाता है|
प्रदोष समय साम को सूर्यास्त के समय पड़ता है| त्रयोदशी के साम सूर्यास्त के बाद का समय प्रदोष समय के रूप में जाना जाता है| यहाँ समय शिव पूजा के लिए काफी विशेष माना जाता है| प्रदोष के समय कैसे पूजा करनी चाहिए उसे जाने|
प्रदोष व्रत कितने होते है?
हर माह में तकरीबन दो प्रदोष आते है इस हिसाब से पुरे साल में 24 प्रदोष आते है| प्रदोष का नाम दिन के नाम पर आधारित होते है जैसे की सोमवार के दिन आने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष, मंगलवार के दिन मंगल प्रदोष,…..
सभी प्रदोष में से सोम प्रदोष. मंगल प्रदोष और शनि प्रदोष का काफी महत्त्व है| ज्योतिषीय उपायों में भी विभिन्न ग्रहों के उपाय के लिए इन सभी प्रदोष का व्रत करना चाहिए|
प्रदोष व्रत पर कैसे करे पूजा?
प्रदोष के दिन पूजा करने के लिए प्रदोष काल सबसे अच्छा है| प्रदोष काल कब है उसकी जानकारी ऊपर दिए चार्ट में दी गई है| प्रदोष काल में पंचोपचार या षोडशोपचार से पूजा करनी चाहिए|
अगर आप रूद्र अष्टअध्यायी की पूजा करने में समर्थ है तो उसे भी करना चाहिए| ऐसा करने से भगवान् शिव की कृपा जल्द प्राप्त होती है|
प्रदोष के दिन पूजा के समय में अगर भगवान् की स्तुति के समय “शिवताण्डवस्तोत्रम्” का पाठ किया जाए तो यह काफी उत्तम है क्योंकी शिवताण्डवस्तोत्रम् में इस बात को कहा गया है की अगर इसे प्रदोष काल में पठन किया जाए तो काफी उत्तम फल प्राप्त होंगे|
FAQ – Pradosh Vrat
प्रदोष व्रत के सन्दर्भ में कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उसके जवाब|
प्रदोष हर माह की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है| कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष में आनेवाली हर त्रयोदशी के दिन प्रदोष को मनाया जाता है|
सोमवार को आनेवाले प्रदोष को सोमप्रदोष के रूप से जाना जाता है|
मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष के रूप में जाना जाता है| 2021 में 5 बार भौम प्रदोष आता है|
प्रदोष के दिन साम को सूर्यास्त के समय के बाद का समय प्रदोष काल के रूप में जाना जाता है| हर प्रदोष के लिए उपरे दिए गए टेबल में प्रदोष काल का समय दिया है|