Lagna Kundali in Hindi | Importance of Ascendant chart

ज्योतिष के बारे में हम सब जानते है की यह भविष्य कथन के लिए काफी काफी उपयोगी है| और जन्म पत्रिका में कई तरह के चार्ट देखने के मिलते है|लेकिन क्या आप जानते है की इन सभी चार्ट में से सबसे महत्वपूर्ण चार्ट कोनसा है? अगर नहीं जानते की आप को जन्म पत्रिका में कोनसा chart देखना चाहिए या आप लग्न कुंडली के बारे में जानना चाहते है तो Lagna Kundali in Hindi का यह लेख अवश्य पढ़े|

What is Lagna Kundali in Hindi (लग्न कुंडली क्या है?)

लग्न शब्द ज्योतिष का एक पारिभाषिक शब्द है| किसी भी व्यक्ति के जन्म समय पृथ्वी की पूर्व क्षितिज पर जो भी राशि उदित होती हो उसे लग्न राशि कहा जाता है|जन्म पत्रिका का प्रारंभ इसी भाव से होता है| इसे प्रथम भाव के रूप में भी जाना जाता है|

एक जन्म पत्रिका में कई तरह के चार्ट बनाते है इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण चार्ट लग्न कुंडली(Lagna Kundali) ही है| इस पत्रिका से हम अपने पुरे जीवन का ब्यौरा निकाल सकते है| और यह पत्रिका पुरे जीवन भर असरकारक रहती है| लग्न के स्वामी को लग्नेश के रूप में जाना जाता है| जब भी किसी ही ग्रह की गणना करनी हो या वह ग्रह कैसा फल देगा उसे जानना हो तो उसे लग्न के परिपेक्ष्य में ही देखा जाता है|

Lagna Kundali कैसे बनती है?

हम सब यह जानते है की पृथ्वी सूर्य के आसपास परिभ्रमण करती है| हम सब यह जानते है की आकाश में हर कुछ समय के बाद ताराओ की स्थिति में बदलाव आता है| वह अपने पूर्व स्थान से अलग स्थान पर दीखते है| इसके पीछे का कारण हम यह जानते है की पृथ्वी का परिक्रमण है|

पृथ्वी अपनी धरी पर पश्चिम से पूर्व की और परिक्रमण करने के वजह से पूर्व दिशा में राशि चक्र की हर एक राशि एक पुरे दिन में आ जाती है| 12 राशि है और दिन में 24 घंटे है मतलब हर 2 घंटे के आसपास एक नयी राशि पृथ्वी की पूर्व दिशा में आएगी|

जन्म पत्रिका में लग्न कुंडली को बनाने के लिए इसी का सहारा लिया जाता है| जिस भी व्यक्ति की जन्म पत्रिका बनानी हो उस समय जो भी राशि पूर्व दिशा में उदित हो रही हो उसे लग्न राशि के रूप में माना जाता है| बाद में उस राशि के सापेक्ष में सभी ग्रहों को जन्म पत्रिका में रखा जाता है|

लग्न कुंडली का महत्व (Importance of Ascendant Chart in Hindi)

लग्न कुंडली के द्वारा काफी साड़ी महत्वपूर्ण घटना को देखा जा सकता है| यहाँ पर हम आपसे कुछ इम्पोर्टेन्ट पहलू को दिखा रहे है जो हम जन्म पत्रिका से देख सकते है|

  • लग्न पत्रिका से जातक का रूप, चरित्र एवं स्वभाव को देखा जा सकता है|
  • इससे जातक का व्यवसाय एवम प्रसिद्धि को भी देखा जाता है|
  • लग्न कुंडली से जातक के शरीर सुख के बारे में जाना जा सकता है|
  • जीवन में मिलाने वाली सफलता और असफलता को भी लग्न पत्रिका के द्वारा देखा जा सकता है| इससे व्यक्ति का आत्मबल और संघर्ष भी देख सकते है|
  • जातक को मिलने वाले लाभ दुःख और दर्द के बारे में भी लग्न पत्रिका से देख सकते है|
  • जातक कहा निवास करेंगा और विदेश सम्बंधित जानकारी भी जातक की देख सकते है|
  • लग्न पत्रिका से जातक के भा बहन और मित्रो आदि के बारे में भी जाना जा सकता है|

कितने प्रकार की लग्न कुंडली होती है?

राशी चक्र में बारह राशी है| सभी राशी के द्वारा लग्न कुंडली बनती है इसलिए कुल 12 लग्न कुंडली होती है| लेकिन किसी एक जातक के लिए सिर्फ एक ही Lagna Kundali होती है| बारह प्रकार की लग्न कुंडली कुछ इस प्रकार है|

लग्न कुंडली के नाम

  1. मेष लग्न की कुंडली
  2. वृषभ लग्न की कुंडली
  3. मिथुन लग्न की कुंडली
  4. कर्क लग्न की कुंडली
  5. सिंह लग्न की कुंडली
  6. कन्या लग्न की कुंडली
  7. तुला लग्न की कुंडली
  8. वृश्चिक लग्न की कुंडली
  9. धनु लग्न की कुंडली
  10. मकर लग्न की कुंडली
  11. कुम्भ लग्न की कुंडली
  12. मीन लग्न की कुंडली

आगे के लेखो में हम सभी लग्न के बारे में विस्तृत में जानकारी प्रदान करेंगे|

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको Lagna Kundali का महत्व क्या है ? लग्न कुंडली कैसे बनायी जाती है? और कितने प्रकार की लग्न कुंडली होती है? उस पर अच्छी जानकारी प्रदान की है| अगर आपको यह पसंद आये तो अधिक से अधिक लोगो के साथ शेयर करे धन्यवाद|

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