क्या आप जानते है की गज केसरी योग क्या है (Gaj kesari yoga) और इस गज केसरी योग का फल क्या है और यह की जन्म पत्रिका में शुभ फल प्रदान देता है|
अभी तक हमने कई राजयोग(Rajyoga) और शुभ योग के बारे में आपको इनफार्मेशन दी है जो आपको ज्योतिष में योग कैसे बनता है और वह कैसे फलीभूत होता है| आज के इस लेख में हम आपको Gaj kesari yoga के बारे में इनफार्मेशन देंगे जो की gaj kesari yoga example के साथ होगी| जिसे आपको समजने में आसानी होंगी|
gaj kesari yoga क्या है और कैसे बनता है?
गज केसरी योग का मतलब है हाथी जुंड में अकेला शेर
Gaj kesari yoga meaning
gaj kesari yoga जन्म पत्रिका में चन्द्र से गुरु जब केंद्र में हो (पहले, चोथे, सातवे, दशवे भाव में स्थित) तब बनता है|
जन्म पत्रिका में चन्द्र मन का कारक है ये हम सभी जानते है| गुरु जन्म पत्रिका में कई तरह के अच्छे गुण और जीवन के महत्व पूर्ण पहलू जैसे की अभ्यास, धन और पुत्रादि को दर्शाता है| ऐसे में चन्द्र और गुरु से बनता योग जन्म पत्रिका में काफी महत्व रखता है|
जन्म पत्रिका में अत्यधिक शुभ योग में gaj kesari yoga को गिना जाता है| इस योग को जन्म पत्रिका के लग्न में से या चन्द्र पत्रिका में से देखा जाता है| गज केसरी योग को समजने के लिए पद को विभाजित करने पर आसानी से समज में आता है|
Gaj kesari yoga = Gaja(हाथी) + kesari(सिंह)
इस योग में Gaja का अर्थ हाथी होता है और kesari का अर्थ होता है तो सिंह मतलब की हाथी के जुंड अकेला शेयर जो सबसे अलग और शक्तिशाली|
gaj kesari yoga का फल क्या मिलता है?
शास्त्रों में गज केसरी योग का फल कुछ इस तरह बताया है| जिन भी व्यक्ति के जन्म पत्रिका में यह योग होगा वह धनवान, सत्ता को प्राप्त करता है, जीवन में सुख को प्राप्त करता है, वाहन और घर के साथ वैभवशाली जीवन को व्यतीत करता है, गुरु के सम्बंधित होने के कारण बुद्धिमान और तेजस्वी होता है|
gaj kesari yoga का फल गुरु और चन्द्र की स्थिति और मजबूती पर आधारित होता है|
गज kesari योग का फल चन्द्र से गुरु की स्थिति प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तमभाव और दशम भाव में होने पर अलग अलग मिलता है|
चन्द्र से गुरु प्रथम भाव में (गुरु चन्द्र की युति): यह स्थिति से याग बनने पर और दोनों ग्रह मजबूत स्थिति में होने पर मान सन्मान और शारीरक स्वास्थ्य अच्छा होता है|
चन्द्र से गुरु चतुर्थ भाव में: ऐसी स्थिति में जातक को घर परिवार और वाहन के सम्बंधित सुखो में भाग्यशाली होता है| इस तरह के योग जातक को भूमि सम्बंधित कार्य में भी सफलता देता है|
चन्द्र से गुरु सप्तम भाव में: जन्म पत्रिका में गुरु चन्द्र एक दुसरे से सप्तम भाव में होने पर युति जैसे ही कार्य करते है| गुरु सप्तम भाव में स्थिति होने पर वैवाहिक जीवन में अच्छा सुख प्राप्त होता है साथ ही व्यवसाय में भी जातक अच्छा कर सकता है|
चन्द्र से गुरु दशम भाव में: जन्म पत्रिका में गुरु दशम भाव में स्थित होने पर अमलाकिर्ति योग का भी निर्माण होता है| ऐसे जातक को सत्ता और राज्य से काफी लाभ प्राप्त होता है और मान सन्मान भी अच्छा मिलता है|
gaj kesari yoga का फल किन लग्न में कैसा मिलता है?
जन्म पत्रिका में लग्न | कैसा फल मिलता है |
मेष लग्न | बहुत अच्छा फल |
वृष लग्न | नहीं अच्छा मिलता |
मिथुन लग्न | कम अच्छा |
कर्क लग्न | बहुत अच्छा फल |
सिंह लग्न | कम अच्छा |
कन्या लग्न | कम अच्छा |
तुला लग्न | नहीं अच्छा मिलता |
वृश्चिक लग्न | बहुत अच्छा फल |
धनु लग्न | कम अच्छा |
मकर लग्न | नहीं अच्छा मिलता |
कुम्भ लग्न | नहीं अच्छा मिलता |
मीन लग्न | बहुत अच्छा फल |
gaj kesari yoga के कुछ उदहारण
अब हम कुछ उदहारण देखते है जिसमे gaj kesari yoga ने उत्तम फल दिया है|
नरेन्द्र मोदी की जन्म पत्रिका में गज केसरी योग ने काफी उत्तम फल दिया है| निचे के image में देख सकते की उनकी जन्म पत्रिका में चन्द्र लग्न में है| गुरु चन्द्र से चोथे भाव में है और वृश्चिक लग्न की पत्रिका जहा पर यह योग काफी उत्तम फल को प्रदान करता है|
वृश्चिक लग्न में दोनों ग्रह केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामी बनते है| इस लिए यह इनके जन्म पत्रिका में काफी उत्तम फल देता है|

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