Chamara Yoga In Astrology in Hindi: ज्योतिष के अच्छे योगो में इस योग की गणना होती है| जन्म पत्रिका में यह योग आसानी से देखने को मिल सकता है| इस्लेख के माध्यम से हम आपसे जन्म पत्रिका में Chamara Yoga कैसे बनता है| उस योग के लाभ कोनसे है (Benefits), और यह योग कब भंग होता है|
Chamara yoga Condition | Chamara yoga कैसे बनता है?
यह योग कई तरह से जन्म पत्रिका में बन सकता है| हमने पहले भी कहा है की यह योग एक सामन्य योग है जो शायद बहोत सी जन्म पत्रिका में देखने को मिल सकता है| निचे दिए गए ग्रहों की स्थिति के अधर पर आप यह तय कर सकते है की जन्म पत्रिका में चामर योग है की नहीं|
चामर योग बनाती ग्रहों की स्थिति
- लग्न भाव का स्वामी जब अपनी उच्च स्थिति में हो और केन्द्रम में स्थिति हो साथ ही उस पर गुरु की दृष्टि हो तब चामर योग बनता है|
- दो शुभ ग्रह लग्नभाव, सातवे भाव, नौवे भाव, या दशवे भाव में स्थिति हो तब भी चामर योग बनता है|
- जातक का जन्म शुक्ल पक्ष में हुआ हो या चन्द्रमा प्रथम भाव का स्वामी होकर बलवान हो, और बृहस्पति त्रिक भाव में स्थित हो तब भी चामर योग बनता है|
- पहले भाव का स्वामी जब गुरु बनता हो साथ ही वह दुसरे पांचवे,आठवे या ग्यारहवे भाव में स्थित होकर शुक्र से दृष्ट हो तब चामर योग बनता है|
- चर लग्न की जन्म पत्रिका में चन्द्र और लग्न भाव का स्वामी नवम या दशम भाव में स्थित हो तब चामर योग बनता है|
- बुध पांचवे या नौवे भाव में स्थित, सूर्य वर्गोत्तम हुआ हो, और लग्नेश को अच्छी स्थिति प्राप्त हुई हो तब भी चामर योग बनता है|
Benefit of Chaamar yoga | चामर योग के लाभ
चामर योग में जन्म लेने वाला जातक खुश मिजाज़ वाला होगा| वहा मानसिक रूप से, शारीरिक रूप से एवम आर्थिक रूप से काफी अच्छी स्थिति में होगा| वह अपने परिवार में मुखिया के रूप में जाना जाता है और सभी उसका सन्मान करते है| वह उच्च शिक्षा एवम प्रशिक्षण के लिए विभिन्न देशो की यात्रा भी कर सकते है|
When Chamar yoga Destroy? | चामर योग का भंग
सभी अच्छे फल देने वाले योग कभी कभी अच्छे फल देने में असमर्थ भी हो सकते है| चामर योग में जन्म पत्रिका में बृहस्पति की स्थिति काफी महत्व रखती है| जब भी जन्म पत्रिका में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं हो, वह नीच का, या शत्रु ग्रह से पीड़ित हो तब चामर योग का फल अ=पूरा प्राप्त नहीं होता है|
ऐसी स्थिति में आपको बृहस्पतिका उपाय करना चाहिए|