आत्माकारक ग्रह क्या है | Atmakaraka planet in Astrology

हिन्दू धर्म में यह माना जाता है की आत्मा प्रत्येक जिव में है और वह परमात्मा का एक हिस्सा है जो अविनाशी है| धर्म और शास्त्र में सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह बात यह है की आत्मा को जन्म के इस चक्र से मुक्ति देना| लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब कर्म का गणित शून्य हो और कोई इच्छा न हो| जन्म पत्रिका के माध्यम से हम आत्मा के सन्दर्भ में बहोत सी अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकते है| आज के इस लेख के माध्यम से हम आपसे आत्माकारक ग्रह के विषय में जानकारी देंगे| हमें आशा है की आपको यह जानकारी पसंद आयेगी|

आत्मा करक ग्रह क्या है (what is Atmakaraka planet)(Soul Significator planet in Astrology)

आत्मकारक ग्रह जैमिनी ज्योतिष में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है| बृहत् पराशर ऋषि ने भी इसके बारे में अपने ग्रन्थ बृहत् पराशर होरा शास्त्र में इसके विषय में लिखा है|

” जन्म पत्रिका में जो भी ग्रह सबसे अधिक डिग्री वाला हो उसे आत्माकारक ग्रह माना जाता है|” जन्म पत्रिका में कुल नौ ग्रह है उसमे से राहू और केतु के अलावा के जो सात ग्रह है उसमे से जिस भी ग्रह की डिग्री सबसे अधिक होती है वह उस पत्रिका के लिए आत्माकारक ग्रह माना जाता है|

आत्माकारक = आत्मा + कारका

एक ऐसा ग्रह जो जन्म पत्रिका में जातक की आत्मा को दर्शाता है(Soul Representer) ऐसे ग्रह को आत्माकारक ग्रह कहा जाता है|

एक उदहारण से समजते है ज्योतिष में आत्माकारक कैसे देखते है

निचे दी गयी ग्रहों की स्थिति राहुल गांधी के जन्मपत्रिका की है जिसमे सभी ग्रह और उनकी डिग्री की स्थिति दी गयी है|

PlanetDegree
Sun 4° 14′ 22.84″
Moon2° 15′ 34.71″
Mars 17° 49′ 22.81″
Mercury 15° 36′ 34.42″
Jupiter (R) 2° 39′ 49.22″
Venus9° 40′ 48.75″
Saturn 24° 28′ 48.49″
Rahu 12° 53′ 14.97″
Ketu 12° 53′ 14.97″

इस पत्रिका में सबसे अधिक डिग्री पर शनि ग्रह(Saturn) ग्रह है जो की 24 डिग्री और 28 मिनिट पर है| सबसे अधिक डिग्री के होने पर यह ग्रह जन्म पत्रिका के आत्माकारक ग्रह बनता है|

आत्माकारक ग्रह का ज्योतिष में महत्व: Importance

ज्योतिष में सात मुख्य ग्रह में से कोई भी ग्रह आत्माकारक ग्रह बन सकता है| जो की अपने साथ कुछ पूर्व जन्म के कर्म को साथ लेकर चलता है और इस जन्म में आत्मा को कौनसी इच्छाओं है उसे भी यह दर्शाता है| अलग अलग ग्रह के आत्मा करक ग्रह के बनने पर उसका विवरण अलग होता है|

आत्माकारक ग्रह के माध्यम से हम अपने जीवन का वास्तविक मूल्य क्या है और जीवन का असली ध्येय क्या होना चाहिए हमें किस क्षेत्र के साथ हमारे पूर्व जन्म के कर्म जुड़े हुए है ये सभी बाते जानी जा सकती है| इसके माध्यमसे हम जीवन में मटेरियल और आध्यात्मिक विषय की क्या भूमिका हैं उसे जान सकते है|

आपकी आत्मा किस और जाना चाहती है और आपके जन्म पत्रिका के अन्य ग्रह आपको किस और ले जाना चाहते है उसे आसानी से समजा जा सकता है| ज्योतिष में अलग अलग ग्रह के आत्मा कारक बनने पर क्या विश्लेषण किया जा सकता है उसे समजते है|

अलग अलग ग्रह की आत्माकारक ग्रह के रूप में भूमिका (Different planets as Aatmakaraka)

जब सूर्य जन्म पत्रिका में आत्माकारक ग्रह बनता है तब जातक सफलता, आत्म महत्व, प्रसिद्धि, शक्तिकीकी चाहना रखता है क्योंकि उसकी आत्मा इस और इशारा करती है| अच्छे आध्यात्मिक मार्ग के लिए आपको अहंकार का त्याग करना चाहिए और, विनम्रता, सहनशीलता से व्यवहार करना चाहिए|

जब चन्द्र ग्रह आत्मकारक बनता है तब व्यक्ति को भावनाओं, खुशी, प्यार और करुणा सबसे अधिक असर करती है| ऐसे व्यक्ति को अनजान व्यक्ति को अच्छे से समजना चाहिए और किसी पर आसानी से भरोषा नहीं करना चाहिए| सच और गलत भावाना के बिच अंतर करना सिखाना होगा|

मंगल ग्रह आत्मकारक बनता है तब आक्रामकता, जुनून, विजय, और साहसिक कार्य करने की और झुकाव रहता है| स्वभाव हमेशा ही आक्रामक रहता है| इन्हें हार-जीत के चक्रव्यूह से बचाना चाहिए, धैर्य के साथ काम करना चाहिए, हिंसा से भी परहेज करना चाहिए|

जब बुध ग्रह आत्मकारक बनता है और शुभ हो तब वह जातक को बौद्धिकता और, श्रेष्ठता प्रदान करता है| इन्हें जीवन में सच्चाई का सामना करना सीखना होगा|

गुरु ग्रह आत्मकारक बनता है तब आत्मा का झुकाव बच्चो और आध्यात्मिकता जैसे गुरु सम्बन्धी तत्व की और रह सकता है|

शुक्र ग्रह आत्मकारक बनता है तब जातक सेक्स, रिश्ते, विलासिता, कामुकता की और झुक सकता है| ऐसे जातक को कामुकता को नियंत्रित करना सिखाना होगा|

शनि ग्रह आत्मकारक बनता है तब कर्तव्य, लोकतंत्र हार्ड वर्क और शुद्र की और जीवन का झुकाव रहता है| ऐसे जातक को दूसरो के दुखो को दूर करने का कार्य करना चाहिए|

हमें आशा है की आपको आत्माकारक ग्रह (Atmakaraka planet)(Soul Significator planet in Astrology) के विषय में अच्छी जान्कारिमिली होगी अगर और भी कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट करके आप पूछ सकते है|

Leave a comment