आदिनाथ भगवान की आरती |Adinath Bhagwan ki Aarti | Lyrics
आरती उतारूं आदिनाथ भगवान की
माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की
रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी
आरती हो बाबा, आरती हो,
प्रभुजी हमसब उतारें थारी आरती
तुम धर्म धुरन्धर धारी, तुम ऋषभ प्रभु अवतारी
तुम तीन लोक के स्वामी, तुम गुण अनंत सुखकारी
इस युग के प्रथम विधाता, तुम मोक्ष मार्म के दाता
जो शरण तुम्हारी आता, वो भव सागर तिर जाता
हे… नाम हे हजारों ही गुण गान की…
तुम ज्ञान की ज्योति जमाए, तुम शिव मारग बतलाए
तुम आठो करम नशाए, तुम सिद्ध परम पद पाये
मैं मंगल दीप सजाऊं, मैं जग-मग ज्योति जलाऊं
मैं तुम चरणों में आऊं, मैं भक्ति में रम जाऊं
हे झूम-झूम-झूम नाचूं करूं आरती।
आरती उतारूं आदिनाथ भगवान की।
।। आदिनाथ भगवान की आरती ।।
।। Adinath Bhagwan Ki Aarti ।।
Adinath Bhagwan ki Aarti MP3 | PDF
भगवान् श्री आदिनाथ को ऋषभदेव के नाम से भी जाना जाता है| ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं। वह इक्ष्वाकु से जुड़े हुए थे| उनका जन्म अयोध्या में हुआ था| ऋषभदेव को 100 पुत्र और 2 पुत्रियाँ थी| ऋषभदेव भगवान की आयु 84 लाख पूर्व की थी| जिसमें उन्होंने कुमार अवस्था में 20 लाख पूर्व और राजा की तरह ६३ लाख पूर्व शासन किया था|
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