Astrology
Rashi chakra | राशि चक्र और राशि का अर्थ और विश्लेषण

राशि चक्र क्या है | What is Rashi Chakra
राशि चक्र(Rashi chakra sharad upadhye) ज्योतिष में बारह राशि के द्वारा बनता है| सूर्य के क्रांतिवृत्त को जब बारह सामान भागो में विभाजित किया जाता है तब प्रत्येक एक भाग को एक राशि का दर्जा मिलता है| ज्योतिष में पृथ्वी को केंद्र में रखकर गणना की जाती है| ऐसे में सूर्य के पथ को बारह सामान भाग में विभाजित करने पर 30° का एक भाग बनता है जिसे राशि का दर्जा दिया गया है| 12 राशि के द्वारा बनते चक्र को राशि चक्र कहा जाता है|

इस राशि चक्र की बारह राशि की नाम निचे दिए हुए है|
राशि के नाम (List of twelve sign in Astrology)
हमने ऊपर देखा की सूर्य के पथ के बारह सामान हिस्से करने पर बारह राशि मिलती है| प्रत्येक राशि के नाम हमारे ऋषियों ने उसमे स्थित ताराओ की स्थिति और उसकी लाक्षणिकता के आधार पर दिया है| राशि के नाम कुछ इस प्रकार है|
NO. | राशि का नाम | Zodiac Name | Degree |
---|---|---|---|
1 | मेष | Aries | 0 to 30 |
2 | वृषभ | Taurus | 31 to 60 |
3 | मिथुन | Gemini | 61 to 90 |
4 | कर्क | Cancer | 91 to 120 |
5 | सिंह | Leo | 121 to 150 |
6 | कन्या | Virgo | 151 to 180 |
7 | तुला | Libra | 181 to 210 |
8 | वृश्चिक | Scorpio | 211 to 240 |
9 | धनु | Saggitarius | 241 to 270 |
10 | मकर | Capricorn | 271 to 300 |
11 | कुंभ | Aquarius | 301 to 330 |
12 | मीन | Pisces | 331 to 360 |
जन्म पत्रिका में नाम रखने के लिए राशि कैसे निर्धारित होती है?
जन्म पत्रिका में नाम रखने के लिए ऊपर दी गयी बारह राशि में से ही एक राशि का चयन किया जाता है| लेकिन वैदिक ज्योतिष में और पश्चिमी संस्कृति में अलग अलग ग्रह को महत्व दिया जाता है| वैदिक ज्योतिष में नाम रखने के लिए चन्द्रमा राशि चक्र में जिस भी राशि में हो उसे महत्व दिया जाता है| जब की पश्चीमी संस्कृति में ऐसा नहीं है| वहा पर सूर्य जिस भी राशि में स्थित हो उसे अधिक महत्व दिया जाता है|
आपका Rashi chakra क्या कहता है उसे समजे
आपका राशि चक्र क्या कहता है उसे समजने के लिए आपकी राशि क्या है यह जानना काफि आवश्यक है| यहाँ पर हम आपसे सभी राशि के कुछ गुण,तत्व और स्वभाव को दर्शाते है|जिसे आपका राशि चक्र क्या कहता है उसे समजने में आसानी हो|
राशि चक्र की पहली राशि है मेष

अगर जन्म पत्रिका में आपका चंद्र जिस भी खाना में हो उसकी संख्या “1” है तो आपकी राशि मेष है|
यह राशि चक्र की प्रथम राशि है जिसका तत्व अग्नि माना जाता है|
इस राशि वालो के लिए शुभ रंग लाल होता है| मेष राशि का राशि स्वामी मंगल है|
मेष राशि की मित्र राशि अग्नि तत्व की “सिंह राशि” और “धनु राशि” है|
सूर्य मेष राशि में 13 अप्रैल 14 मई तक रहता है|
आपका भाग्यशाली दिन मंगलवार है|
मेष राशि चक्र के अक्षर: चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ
राशि चक्र की दूसरी राशि है वृषभ

अगर आपकी जन्म पत्रिका में चन्द्र जिस भी खाने में स्थित हो उसकी संख्या अगर “2” है तो आपकी राशि वृषभ मानी जायेगी|
यह भूमि(पृथ्वी) तत्व की राशि है|
इस राशि के लिए शुभ रंग सफ़ेद है| वृषभ राशि का राशि स्वामी शुक्र है|
वृषभ राशि की मित्र राशि कन्या और मकर राशि मानी जाती है|
इसमें सूर्य 14 मई से 15 जून तक रहता है|
आपका भाग्यशाली दिन शुक्रवार है|
वृष राशि चक्र के अक्षर: इ, उ, ई, ओ, व, वी, व़ी, ऊ, वे, वो
Rashi chakra की तीसरी राशि “मिथुन”

जन्म पत्रिका में चन्द्र जिस भी खाने में हो उसकी संख्या “3” है तो आपकी राशि मिथुन है|
यह वायु तत्व की राशि है|
इसके लिए शुभ रंग हरा है| और राशि का स्वामी बुध है|
मिथुन की मित्र राशि तुला और कुंभ राशि है|
सूर्य इस राशि में से 15 जून से 16 जुलाई तक गोचर करता है|
आपका भाग्यशाली दिन बुधवार है|
मिथुन राशि चक्र के अक्षर: का, की, कू, घ, अंग, छ, के, को, हा
राशि चक्र की चौथी राशि कर्क

जन्म आपकी पत्रिका में चन्द्र जिस भी खाने में हो उसकी संख्या “4” हो तो आपकी कर्क राशि होती है|
यह जल तत्व की राशि है|
इसका शुभ रंग सफ़ेद है| और चन्द्रमा खुद इस राशि के स्वामी है|
कर्क राशि की मित्र राशि वृश्चिक राशि और मीन राशि होती है|
सूर्य इस राशि में 16 जुलाई 16 अगस्त तक गोचर करता है|
कर्क राशि वालो के लिए शुभ दिन सोमवार होता है|
कर्क राशि चक्र के अक्षर: ही, हू, हे, दा, दी,दू, दे दो
Rashi chakra की पांचवी राशि सिंह

अगर आपकी जन्म पत्रिका में चंद्रमा जिस भी खाने में है उसका अंक “5” है तो आपकी राशि सिंह राशि है|
यह अग्नि तत्व की राशि है|
इसका रंग मरून(गहरा लाल) है| सूर्य इस राशि का स्वामी ग्रह है|
मेष और धनु राशि मित्र राशि है|
16 अगस्त 16 सितम्बर तक सूर्य इसी राशि में स्थित होता है|
इनके लिए रविवार शुभ दिन होता है|
सिंह राशि चक्र के अक्षर: मा, मी, मू, में, मो, ता, ती, तू, ते
राशि चक्र की छट्ठी राशि “कन्या “

आपकी जन्म पत्रिका में चन्द्र जिस भी खाने में स्थित हो उसका अंक अगर “6” हो तो आप कन्या राशिके है|
यह भूमि(पृथ्वी) तत्व की राशि है|
कन्या राशि का रंग “ग्रे” है| बुध आपकी राशि का स्वामी है|
मकर और वृषभ राशि आपकी मित्र राशि है|
16 सितम्बर से 17 अक्टूबर तक सूर्य आपकी राशि में से गोचर करता है|
बुधवार आपके लिए शुभ दीन है|
कन्या राशि चक्र के अक्षर: तो, पा, पी, श,थ, पे, पो
Rashi chakra की सातवी राशि “तुला”

जब जन्म पत्रिका में चन्द्र “7” लिखे हुए खाने में स्थित हो तो उस जातक की तुला राशि होती है|
यह वायु तत्व की राशि है|
इस राशि का रंग गुलाबी है| शुक्र इस राशि का स्वामी है|
तुला राशि कुम्भ और मिथुन आपकी मित्र राशि है|
17 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक सूर्य तुला राशि में स्थित होता है|
शुक्रवार आपके लिए शुभ दिन है|
तुला राशि चक्र के अक्षर: रा, र, री, रू, रे, रो, ता, टी, तू, ते
राशि चक्र की आठवी राशि वृश्चिक

जब भी जन्म पत्रिका में चन्द्र जिस खाने में बेठा हो वहा पर “8” नंबर लिखा हो तब जातक की वृश्चिक राशि बनती है|
यह जल तत्व की राशि है|
वृश्चिक राशि के द्वारा लाल रंग(जंग) दर्शाया जाता है| इस राशि का स्वामी मंगल है|
वृश्चिक राशि की मित्र राशि कर्क और मीन राशि है|
16 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक सूर्य वृश्चिक राशि में सगोचर करता है|
मंगलवार इस राशि के लिए काफी शुभ है|
वृश्चिक राशि चक्र के अक्षर: तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यु
Rashi chakra की नौवी राशि “धनु”

चन्द्र जिस भी खाने में बता हो उसका नंबर “9” है तो इसे धनु राशि जातक की कही जायेगी|
धनु राशि अग्नि तत्व की राशि है|
इस राशि के लिए नीला रंग शुभ माना जाता है| गुरु इस राशि का स्वामी ग्रह है|
मेष राशि और सिंह राशि धनु राशि की मित्र राशि मानी जाती है|
सूर्य का गोचर धनु राशि में से 15 दिसम्बर से 14 जनुअरी तक होता है|
गुरु इस राशि का स्वामी ग्रह है|
धनु राशि चक्र के अक्षर: ये, यो, भा, भी, भु, धा, फा, ता, भे
राशि चक्र की दशमी राशि “मकर”

चन्द्र जन्म पत्रिका में “10” लिखे भाव में स्थित हो तब जातक की राशि मकर कहलाती है|
यह भूमि(पृथ्वी) तत्व की राशि है|
इस राशि के लिए ब्राउन और काला रंग काफी अच्छा है| शनि इस राशि के स्वामी है|
कन्या और वृषभ राशि इस मकर राशि की मित्र राशि मानी जाती है|
सूर्य जब भी इस राशि में से गोचर करता है मकर संक्रांति का पर्व आता है|14 जनुअरी से 13 फेब्रुआरी तक सूर्य मकर राशि में गोचर करता है|
इनके लिए शनिवार काफी शुभ है|
मकर राशि चक्र के अक्षर: भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि “कुंभ”

जब भी चन्द्र जन्म पत्रिका में जिस भी खाने में स्थित हो वहा पर अगर “11” है तो राशि कुंभ है|
कुम्भ राशि का तत्व वायु है|
इस राशि का स्वामी भी शनि ही है और रंग ब्लू है|
तुला और मिथुन राशि कुंभ की मित्र राशि है|
सूर्य कुम्भ राशि में से 13 फेब्रुआरी से लेकर 14 मार्च तक गोचर करता है|
कुम्भ राशि के लिए भी शनिवार काफी शुभ फल दायी है|
कुंभ राशि चक्र के अक्षर: गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, डा, द
राशि चक्र की बारहवीं राशि “मीन”

जन्म पत्रिका ने चन्द्र जिस भाव में स्थित हो वहा अगर “12” लिखा हो तो उसका अर्थ है की मीन र्राशी है|
मीन राशि जलीय तत्व की राशि है|
इस राशि का रंग सागर जैसा हरा नीला रंग है| गुरु इस राशि का स्वामी ग्रह है|
वृश्चिक और कर्क राशि त्सामान तत्वों के कारण मीन की मित्र राशि है|
सूर्य 14 मार्च से 13 अप्रैल तक इसी राशि में गोचर करता है|
मीन राशि के लिए गुरूवार काफी शुभ है|
मीन राशि चक्र के अक्षर: दी, दू, थ, झ, यं, दे, दो, चा, ची
निष्कर्ष
हमें आशा है की आपको Rashi chakra क बारे में अच्छी इनफार्मेशन मिली होगी| यहाँ पर हमने इस लेख के माध्यम से Rashi chakra की थोड़ी समज प्रदान की है| जिसमे हमने राशी का तत्व, स्वामी, शुभ रंग, शुभ दिन, सूर्य का Rashi chakra से गोचर जैसी महत्वपूर्ण प्रदान की है|
Rashi chakra sharad upadhye के द्वारा सुन्दर रूप से वर्णन किया गया है| उन्होंने यह मराठी भाषा में जानकारी प्रदान की है| हम बहोत जल्द सभी राशी के गुण व्यक्तित्व और स्वभाव की जानकारी सह लेख प्रदान करेंगे| अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक शेयर करे धन्यवाद|
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