Lalita Chalisa in Hindi ललिता चालीसा | Lyrics | PDF

हम आपसे सम्पूर्ण ललिता चालीसा(Lalita Chalisa in Hindi) को लिखित(lyrics) एवम PDF के रूप में दे रहे है| इसे आप माँ ललिता को प्रसन्न कर सकते है एवम उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते है| ललिता चालीसा से माँ जल्द ही भक्तो पर प्रसन्न होती है|

Lalita Chalisa in Hindi

।। चौपाई ।।

जयति-जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता।।
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी।।

तू कल्याणी कष्ट निवारिणी। तू सुख दायिनी, विपदा हारिणी।।
मोह विनाशिनी दैत्य नाशिनी। भक्त भाविनी ज्योति प्रकाशिनी।।

आदि शक्ति श्री विद्या रूपा। चक्र स्वामिनी देह अनूपा।।
हृदय निवासिनी-भक्त तारिणी। नाना कष्ट विपति दल हारिणी।।

दश विद्या है रूप तुम्हारा। श्री चन्द्रेश्वरी नैमिष प्यारा।।
धूमा, बगला, भैरवी, तारा। भुवनेश्वरी, कमला, विस्तारा।।

षोडशी, छिन्न्मस्ता, मातंगी। ललितेशक्ति तुम्हारी संगी।।
ललिते तुम हो ज्योतित भाला। भक्तजनों का काम संभाला।।

भारी संकट जब-जब आए। उनसे तुमने भक्त बचाए।।
जिसने कृपा तुम्हारी पाई। उसकी सब विधि से बन आई।।

संकट दूर करो मां भारी। भक्तजनों को आस तुम्हारी।।
त्रिपुरेश्वरी, शैलजा, भवानी। जय-जय-जय शिव की महारानी।।

योग सिद्धि पावें सब योगी। भोगें भोग महा सुख भोगी।।
कृपा तुम्हारी पाके माता। जीवन सुखमय है बन जाता।।

दुखियों को तुमने अपनाया। महा मूढ़ जो शरण न आया।।
तुमने जिसकी ओर निहारा। मिली उसे संपत्ति, सुख सारा।।

आदि शक्ति जय त्रिपुर प्यारी। महाशक्ति जय-जय, भय हारी।।
कुल योगिनी, कुंडलिनी रूपा। लीला ललिते करें अनूपा।।

महा-महेश्वरी, महाशक्ति दे। त्रिपुर-सुन्दरी सदा भक्ति दे।।
महा महा-नन्दे कल्याणी। मूकों को देती हो वाणी।।

इच्छा-ज्ञान-क्रिया का भागी। होता तब सेवा अनुरागी।।
जो ललिते तेरा गुण गावे। उसे न कोई कष्ट सतावे।।

सर्व मंगले ज्वाला-मालिनी। तुम हो सर्वशक्ति संचालिनी।।
आया मां जो शरण तुम्हारी। विपदा हरी उसी की सारी।।

नामा कर्षिणी, चिंता कर्षिणी। सर्व मोहिनी सब सुख-वर्षिणी।।
महिमा तव सब जग विख्याता। तुम हो दयामयी जग माता।।

सब सौभाग्य दायिनी ललिता। तुम हो सुखदा करुणा कलिता।।
आनंद, सुख, संपत्ति देती हो। कष्ट भयानक हर लेती हो।।

मन से जो जन तुमको ध्यावे। वह तुरंत मन वांछित पावे।।
लक्ष्मी, दुर्गा तुम हो काली। तुम्हीं शारदा चक्र-कपाली।।

मूलाधार, निवासिनी जय-जय। सहस्रार गामिनी मां जय-जय।।
छ: चक्रों को भेदने वाली। करती हो सबकी रखवाली।।

योगी, भोगी, क्रोधी, कामी। सब हैं सेवक सब अनुगामी।।
सबको पार लगाती हो मां। सब पर दया दिखाती हो मां।।

हेमावती, उमा, ब्रह्माणी। भण्डासुर की हृदय विदारिणी।।
सर्व विपति हर, सर्वाधारे। तुमने कुटिल कुपंथी तारे।।

चन्द्र-धारिणी, नैमिश्वासिनी। कृपा करो ललिते अधनाशिनी।।
भक्तजनों को दरस दिखाओ। संशय भय सब शीघ्र मिटाओ।।

जो कोई पढ़े ललिता चालीसा। होवे सुख आनंद अधीसा।।
जिस पर कोई संकट आवे। पाठ करे संकट मिट जावे।।

ध्यान लगा पढ़े इक्कीस बारा। पूर्ण मनोरथ होवे सारा।।
पुत्रहीन संतति सुख पावे। निर्धन धनी बने गुण गावे।।

इस विधि पाठ करे जो कोई। दु:ख बंधन छूटे सुख होई।।
जितेन्द्र चन्द्र भारतीय बतावें। पढ़ें चालीसा तो सुख पावें।।

सबसे लघु उपाय यह जानो। सिद्ध होय मन में जो ठानो।।
ललिता करे हृदय में बासा। सिद्धि देत ललिता चालीसा।।

।। दोहा ।।

ललिते मां अब कृपा करो सिद्ध करो सब काम।
श्रद्धा से सिर नाय करे करते तुम्हें प्रणाम।।

।। इति श्री ललिता चालीसा समाप्त ।।

माँ ललिता के बारे में जाने

माँ ललिता जिसे माँ त्रिपुर सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है| बहोत से लोग को यह नहीं पता होता है की माँ त्रिपुर सुंदरी ही माँ ललिता जे नाम से जानी जाती है| माँ ललिता को औ कई नाम से बुलाया जाता है जैसे की’महात्रिपुरसुन्दरी’, लीलेशी, लीलामती, षोडशी, ललिताम्बिका, लीलेश्वरी, लीलावती,तथा राजराजेश्वरी| ऐसा मना जाता है की यह माता दश महा विद्या में से सबसे प्रमुख देवी है|

माँ त्रिपुरसुन्दरी ललिता का अवतार भी इतना ही मनमोहक और लुभावना है| यतः अपने भक्तो को आकर्षित करने वाला है| माता के चार भुजामें पाश, अंकुश, धनुष और बाण शुशोभित है| जिस से माँ का स्वरुप और भी देदीप्यमान लगता है|

ललिता स्वरुप माँ का युवा स्वरुप है|

माँ ललिता की साधना

त्रिपुर सुंदरी माँ ललिता की साधना में काफी ध्यान रखना पड़ता है| माँ की साधना एक कठिन साधना में गिनी जाती है| यह साधना जितनी ही कठिन दिखाई पड़ती है उतनी ही चमत्कारिक भी है| एकबार अगर साधना सिद्ध हो जाए बाद में साधक की मनचाही मनोकामना पूर्ण होती है|

ललिता माता के मंत्र

माता की भाकित एवम साधना कराने हेतु कई प्रकार के मंत्र एव ज्ञान की आवश्यकता होती है| यहाँ पर हम आपसे माता की बहकी में उपयोगी हो ऐसे कुछ मन्त्र एवम चालीसा दे रहे है जो आपको आसानी से माँ के आशीर्वाद को प्राप्त कराये| ललिता चालीसा के लिए आप ऊपर देख सकते है और Lalita chalisa PDF Download करने के लिए निचे लिंक दी गयी है|

ललिता माता के मंत्र

  • ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।’
  • ‘ऐ ह्नीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नम:’

ऊपर दिए गए मंत्र या lalita chalisa से आप माकी भक्ति कर सकते है|

पौराणिक कथा

माता ललिता के सन्दर्भ में दो कथा काफी प्रचलित है| इसमे से जो सबकी स्वीकार्य और पुराण में प्राप्त है इसके सन्दर्भ में यह कहा जाता है की जब भी भगवान् ने अपना चक्र पृत्वी के नाश हेतु छोड़ा था तब ऋषिओ ने माँ ललिता का आह्वान किया था और माँ ललिता ने बाद में चक्र से पृत्वी पर जीवन की रक्षा की थी|

पूजन कब किया जाता है

त्रिपुर सुंदरी माँ ललिता का पूजन करने से धन, ऐश्वर्य, भोग और मोक्ष की सहज रूप से प्राप्ति होती है| दश विद्या में सबसे महत्वपूर्ण होने पर माकी पूजा का सबसे उत्तम समय नवरात्री के दौरान ही होता है| अगर कोई भी भक्त माता का पूजन नवरात्रि के दिनों में करता है तो उसकी साधना जल्द ही प्रसन्न होती है और आशीर्वाद भी जल्द ही प्राप्त हो जाते है|

Lalita Chalisa PDF | Lyric Download

किसी भी चालीसा एवम मन्त्र को PDF स्वरुप में अपने ओपास रखने का एक सबसे बड़ा लाभ यह है की आपको यह आसानी से कही पर उपलब्ध हो जाता है| यहाँ पर हम आपसे Maa Lalita devi Chalisa PDF | Lyric Download करने का आप्शन दे रहे है जिसे आप आसानी से download कर सकते है|

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